स्कूल के बच्चों को अब हर महीने मिलेगा ₹800 Nutrition Allowance, नई योजना लागू – School Students Scheme

School Students Scheme – सरकार अब बच्चों के पोषण पर खास ध्यान दे रही है। हाल ही में एक नई योजना के तहत स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को हर महीने ₹800 का पोषण भत्ता (Nutrition Allowance) देने का ऐलान किया गया है। इसका मकसद यह है कि जिन बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता, वे भी अब अच्छे और पौष्टिक खाने का लाभ उठा सकें। यह योजना खास तौर पर उन बच्चों के लिए फायदेमंद होगी जो गरीब या कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं।

नई योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मूल उद्देश्य देश के सभी स्कूली बच्चों को पर्याप्त और संतुलित पोषण प्रदान करना है। आज के समय में कई ऐसे बच्चे हैं जिनके परिवार उन्हें सही खानपान नहीं दे पाते, जिससे उनके स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों पर असर पड़ता है। ₹800 प्रति माह का यह भत्ता सीधे उनके बैंक खाते में जाएगा, ताकि वे पोषणयुक्त आहार ले सकें।

मुख्य उद्देश्य:

  • स्कूली बच्चों में कुपोषण को कम करना
  • पढ़ाई में सुधार लाना
  • बच्चों की उपस्थिति बढ़ाना
  • कमजोर वर्ग के परिवारों को राहत देना

योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?

इस पोषण भत्ता योजना का लाभ सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगा। प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के छात्र-छात्राओं को इस योजना में शामिल किया गया है।

योजना का दायरा:

  • कक्षा 1 से 12 तक के छात्र
  • सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले
  • परिवार की वार्षिक आय निर्धारित सीमा से कम होनी चाहिए
  • छात्रों की नियमित उपस्थिति ज़रूरी

योजना कैसे काम करेगी?

सरकार हर पंजीकृत छात्र के बैंक खाते में ₹800 प्रति माह सीधे ट्रांसफर करेगी। इसके लिए पहले छात्रों का आधार कार्ड, बैंक खाता और स्कूल रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।

जरूरी दस्तावेज:

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक की कॉपी
  • स्कूल द्वारा जारी प्रमाणपत्र
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो

यह भत्ता कैसे मददगार साबित होगा?

इस भत्ते से बच्चों की दिनचर्या, खानपान और पढ़ाई तीनों में सुधार आएगा। उदाहरण के लिए, बिहार के गया जिले की सीमा नाम की लड़की के पिता रिक्शा चलाते हैं और परिवार की आय बहुत सीमित है। सीमा को पहले स्कूल में मिड-डे मील के अलावा और कुछ भी खाने को नहीं मिलता था। अब उसे यह ₹800 मिलने लगा है जिससे उसकी माँ उसे फल, दूध और अंडा खरीदकर दे पाती हैं। इससे सीमा की सेहत में काफी सुधार आया है और वह अब स्कूल में ज़्यादा एक्टिव रहती है।

योजना से मिलने वाले लाभ:

  • बच्चों को बेहतर खाना मिलेगा
  • माता-पिता पर खर्च का बोझ कम होगा
  • छात्रों की सेहत में सुधार होगा
  • पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी

योजना के पीछे सरकार की सोच

सरकार का मानना है कि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छा पोषण भी ज़रूरी है। शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर इस योजना को तैयार किया है। इसका एक मकसद बच्चों की गिरती सेहत को सुधारना भी है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां कुपोषण एक गंभीर समस्या है।

सरकारी प्रयास:

  • हर राज्य में योजना का क्रियान्वयन
  • निगरानी के लिए पोषण समितियों का गठन
  • स्कूलों से मासिक उपस्थिति रिपोर्ट लेना
  • ट्रांसपेरेंट फंड ट्रांसफर प्रक्रिया

योजना से संबंधित कुछ आंकड़े (Table)

राज्य का नामअनुमानित लाभार्थी (लाख)योजना का वार्षिक खर्च (₹ करोड़)सबसे अधिक लाभान्वित जिले
उत्तर प्रदेश52499.2गोरखपुर, वाराणसी
बिहार38364.8पटना, गया
मध्य प्रदेश32307.2भोपाल, इंदौर
राजस्थान29278.4जयपुर, कोटा
झारखंड20192रांची, धनबाद
छत्तीसगढ़18172.8रायपुर, दुर्ग
पश्चिम बंगाल45432कोलकाता, मालदा

मेरी व्यक्तिगत राय और अनुभव

मैं खुद एक ग्रामीण क्षेत्र से आता हूं और मैंने अपने स्कूल के दिनों में कई ऐसे बच्चों को देखा है जो केवल मिड-डे मील के सहारे रहते थे। कुछ बच्चे तो खाली पेट स्कूल आते थे। अगर उस समय ऐसी कोई योजना होती तो उनका जीवन कुछ और ही होता। इसलिए मुझे लगता है कि यह योजना वास्तव में बहुत असरदार साबित हो सकती है, अगर इसे ईमानदारी से लागू किया जाए।

योजना से जुड़ी चुनौतियां

हालांकि योजना अच्छी है, लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  • बच्चों के बैंक खाते नहीं होना
  • माता-पिता की अनभिज्ञता
  • दस्तावेजों की कमी
  • योजनाओं में भ्रष्टाचार

इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को ज़मीनी स्तर पर काम करना होगा और जागरूकता अभियान चलाने होंगे।

योजना का भविष्य और सुझाव

अगर इस योजना को सही ढंग से लागू किया गया, तो यह आने वाले वर्षों में देश की नई पीढ़ी को एक स्वस्थ और शिक्षित दिशा दे सकती है। इसमें तकनीक की मदद लेकर और भी पारदर्शिता लाई जा सकती है जैसे – मोबाइल ऐप से ट्रैकिंग, SMS से जानकारी, स्कूलों में निगरानी बोर्ड इत्यादि।

सुझाव:

  • पंचायत स्तर पर बच्चों की निगरानी
  • स्कूलों में पोषण मीटिंग्स
  • NGO की मदद से जागरूकता अभियान
  • सरकारी पोर्टल पर अपडेट

₹800 का पोषण भत्ता योजना न सिर्फ एक वित्तीय सहायता है बल्कि यह बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल बच्चों की सेहत सुधरेगी बल्कि उनकी पढ़ाई और भविष्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। अब ज़रूरत इस बात की है कि यह योजना ज़मीनी हकीकत बने और इसका लाभ सही मायनों में जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. यह योजना किस वर्ग के बच्चों के लिए है?
यह योजना सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले प्राथमिक व माध्यमिक वर्ग के बच्चों के लिए है।

2. ₹800 पोषण भत्ता कब से मिलेगा?
यह योजना जुलाई 2025 से लागू हो चुकी है और हर महीने की 10 तारीख तक राशि ट्रांसफर होगी।

3. योजना का लाभ लेने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है?
आधार कार्ड, बैंक पासबुक, स्कूल प्रमाणपत्र और पासपोर्ट साइज़ फोटो।

4. क्या निजी स्कूलों के बच्चे इस योजना का लाभ ले सकते हैं?
नहीं, यह योजना केवल सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चों के लिए है।

5. अगर पैसे नहीं आए तो शिकायत कहाँ करें?
आप अपने स्कूल प्राचार्य से संपर्क करें या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज करें।

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